क्या अंतर है मुझमे तुझमे
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
मै हू परतन्त्र तुम हो स्वतन्त्र
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
सुनो अंतर्नाद इस व्रिदोही ह्रदय का
सुनो क्रोध आलाप इस विक्षिप्त ह्रदय का
क्या अंतर है मुझमे तुझमे
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
बहुत भीषण है कल कल मौत के अँधेरे की
उससे भी भीषण है वो टीस घुट घुट के जीने की
कहाँ गए वो गाँधी बाबा कहा गए वो जौहर
कहाँ गया वो सुदर्शन चक्र. कहा गए वो कृष्ण वचन
मूसा ईसा मुहम्मद ने बात करी आज़ादी की
क्या भुला दोगे उन्हें इस वर्चस्व की आंधी में
क्या अंतर है मुझमे तुझमे
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
खड़ा हु मै दोराहे पे
देखने एक नयी किरण
“अहद” दे इतनी प्रचंडता मुझमे की मिटा दु ये ये अंतर
क्यू जी नहीं सकते हम दोनों हो के स्वतंत्र
क्यों रहे ये अंतर क्यों रहू मै परतंत्र
क्या अंतर है मुझमे तुझमे
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
मै हू परतन्त्र तुम हो स्वतन्त्र
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
सुनो अंतर्नाद इस व्रिदोही ह्रदय का
सुनो क्रोध आलाप इस विक्षिप्त ह्रदय का
क्या अंतर है मुझमे तुझमे
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
बहुत भीषण है कल कल मौत के अँधेरे की
उससे भी भीषण है वो टीस घुट घुट के जीने की
कहाँ गए वो गाँधी बाबा कहा गए वो जौहर
कहाँ गया वो सुदर्शन चक्र. कहा गए वो कृष्ण वचन
मूसा ईसा मुहम्मद ने बात करी आज़ादी की
क्या भुला दोगे उन्हें इस वर्चस्व की आंधी में
क्या अंतर है मुझमे तुझमे
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का
खड़ा हु मै दोराहे पे
देखने एक नयी किरण
“अहद” दे इतनी प्रचंडता मुझमे की मिटा दु ये ये अंतर
क्यू जी नहीं सकते हम दोनों हो के स्वतंत्र
क्यों रहे ये अंतर क्यों रहू मै परतंत्र
क्या अंतर है मुझमे तुझमे
क्या अंतर सिर्फ आज़ादी का